||आरती श्री बावा लाल दयाल जी की||
- Laldawara Gosainpur
- Jul 8, 2020
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Updated: Jul 9, 2020

*ओउम जय बावा लाल गुरु, स्वामी जय श्री लाल गुरु, सतगुरू जय श्री* ।।
*शरण पड़े जो आकर, उसका उद्धार करो । ओउम जय श्री लाल गुरु* ।।
*सतयुग हंस राम श्री त्रेता द्वापर कृष्ण भये,सतगुरू द्वापर कृष्ण भये* ।।
*कलियुग पतित उधारण, लाल दयाल भये, ओउम जय श्री*।। 1 ।।
*सतगुरु लाल हैं जिन के पुर्ण भाग किए । सतगुरू*।।
*ग्रहस्थी क्या हो वैरागी, वह सब मुक्त हुए । ओउम जय श्री* ।। 2 ।।
*हरि गुरु में नही भेदा, इन में जो भेद करे। सतगुरू ।।*
*वह नर पापी समझो जग में नही सुधरे। ओउम जय श्री*।। 3 ।।
*हम सेवक तुम सतगुरु और न शरण कोई। सतगुरू और न शरण कोई।*
*संशय सभी मिटाओ, मन में है जोई । ओउम जय श्री* ।। 4 ।।
*सब सेवक तुम शरणी, पूर्ण आशा करो । सतगुरू पूर्ण आशा करो* ।
*अन्तर्यामी सतगुरू सब के पाप हरो । ओउम जय श्री* ।। 5 ।।
*मोह अज्ञान मिटा कर पावन बुद्धि करो, सतगुरू पावन बुद्धि करो* ।
*निर्मल भक्ति देकर ह्रदय मेरा शुद्ध करो । ओउम जय श्री*।। 6 ।।
*तुम्हारी आरती क्या कोई गावे, किस में है शक्ति । सतगुरू किस में है शक्ति ।*
*विषय विकार मिटा कर, दियो चरणन भक्ति।ओउम जय श्री*।। 7 ।।
*हरि गुरु लाल जी की आरती निश दिन जो गावे । सतगुरू निश दिन जो गावे ।*
*कहत 'हरि हर' सेवक हरि भक्ति पावे। ओउम जय श्री*।। 8 ।।
*ओउम जय बावा लाल गुरु ,स्वामी जी श्री लाल गुरु, सतगुरू जय श्री ।।*
*शरण पड़े जो आकर, उसका उद्धार करो । ओउम जय श्री लाल गुरु* ।।
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